समाज में सकारात्मकता एवं आनंद के लिए बहुत से व्यक्ति निजी स्तर पर ऐसी गतिविधियां संचालित करते हैं जिनसे समाज में सकारात्मकता तथा आनंद का प्रसार होता है। यह आवश्यक है कि ऐसे प्रयासों को एक संगठित रूप दिया जाए। राज्य आनंद संस्थान ने इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए “आनंद क्लब” का पंजीयन, इसकी वेबसाइट www.anandsansthanmp.in पर प्रारंभ किया है। राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मनोहर दुबे ने आनंद क्लब के बारे में बताया कि यह क्लब उन सभी लोगों के लिए है जो आनंदित रहना चाहते हैं। श्री दुबे ने इस बारे में विस्तार से कहा कि आनंदित रहने की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पहले स्वयं आनंदमयी जीवन जीने का कौशल सीखे, उसका अपने जीवन में अनुसरण करें, उसके बाद सामूहिक रूप से क्लब का गठन कर उसका प्रसार करें। आनंदमयी जीवन को स्पष्ट करते हुए उन्होंनें कहा कि इस पर गहन दार्शनिक विचार की अनिवार्यता नहीं है, वरन व्यक्ति अपनी सामान्य समझ व जागरूकता के आधार पर छोटे-छोटे कार्य कर व अपनी आदतें विकसित कर आनंदित रह सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए इच्छुक सभी व्यक्ति आनंद क्लब गठित कर सकते हैं। आनंद क्लब के कार्य के बारे में श्री दुबे ने कहा कि पंजीकृत आनंद क्लब के सदस्य, माह में कम से कम दो बार-बार मिलकर क्लब द्वारा चुनी गयी गतिविधियों का सबसे पहले स्वयं अभ्यास करेंगे उसके बाद अपने आस पास उसका प्रचार/प्रसार करें। उन्होंनें कहा कि ये गतिविधियां क्या होगी, इन्हें कैसे किया जाएगा इस बारे में जानकारी राज्य आनंद संस्थान के द्वारा समय-समय पर दी जाएगी। श्री मनोहर दुबे ने बताया कि क्लब पंजीयन प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी संस्थान की वेबसाइट www.anandsansthanmp.in पर उपलब्ध है। राज्य आनंद संस्थान के वेबसाइट पर पंजीयन कराने से क्लबों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि वे संस्थान की गतिविधियों से निरंतर जुड़े रहेगे और देश विदेश में आनंद के विषय में चल रहे प्रयासों के बारे में उन्हे जानकारी प्रदान की जाएगी। साथ ही पंजीकृत क्लब के गतिविधियों की जानकारी राज्य आनंद संस्थान की वेबसाइट पर प्रदर्शित की जायेगी।
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