जिला भोपाल इकाई (अध्यात्म विभाग) का अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या निषेध सप्ताह (10-15 सितम्बर) के दौरान भोपाल में आयोजित की गई गतिविधिया
विश्व में प्रतिवर्ष लाखों लोग आत्महत्या करते हैं और विश्व में हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। इसमें पुरुषों के मुकाबले महिलाएं आत्महत्या ज्यादा करती हैं और इनकी वजह कुछ इस प्रकार होती है। प्रेम प्रसंग,वैवाहिक संबंध,बेरोजगार आदि। एक व्यक्ति के न होने पर 135 लोग प्रभावित होते है। इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेशन की पहल पर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व आत्महत्या निषेध 10 दिसम्बर को आयोजित किया जाता है। इस दौरान नागारिकों को आत्महत्या के रोकथाम तथा इस प्रवृत्ति से उबरने के लिए जागरुक करने के लिए अनेक तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं। इसी कड़ी में जागरुकता सप्ताह 10 से 15 सितंबर 2019 को भोपाल में हुए कार्यक्रम का ब्यौरा इस प्रकार है। शासकीय उ.मा.वि. निशातपुरा एवं एम.एल.बी. कॉलेज में पोस्टर एवं स्लोकन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ एवं विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। शासकीय विद्याविहार उ.मा.वि., प्रोफेसर कॉलोनी एवं शा.उ.मा. निशातपुरा में जीवन के महत्व पर आत्मपोषण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा एक पत्र अपने माता पिता को लिखवाया गया एवं जब पत्र विद्यार्थियों द्वारा दिया गया तो माता-पिता एवं बच्चे भावविभोर हो गये, पत्र एक संकल्प पत्र के रूप में था जिसमें बच्चों द्वारा वचन दिया गया कि आपके द्वारा दिए गए इस जीवन को और आपके सम्मान को हम ठेस नहीं पहुंचने देंगे। इस तरह के आयोजन भोपाल के अन्य स्कूलों में हुए और कई स्कूलों में होना प्रस्तावित हैं।
मंत्रालय में मास्टर ट्रेनर्स श्री विनोद धाकड़ एवं श्री मुकेश बिले द्वारा 13 एवं 14 सितंबर 2019 को आत्महत्या कारण एवं निवारण विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। दिनांक 13 सितंबर 2019 को राज्य आनंद संस्थान द्वारा एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें विषय विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक, डॉक्टर्स, समाज सेवक, नागरिकों ने भाग लिया। दिनांक 15 सितंबर 2019 को भोपाल इकाई द्वारा एक कैंडल मार्च का सफल आयोजन किया गया जो व्यापम चौराहा से प्रारंभ होकर डीबी मॉल होते हुये बोर्ड ऑफिस चौराहा पर अम्बेडकर जी की प्रतिमा के पास कैडल संपन्न हुआ। श्री शैलेंद्र सिंह डाबी ने विश्व आत्महत्या निषेध दिवस पर जानकारी प्रदान की गई। समापन के दौरान श्री मुकेश बिले ने संक्षिप्त उदबोधन देकर कैडल मार्च के समापन की घोषणा ! कैडल मार्च के दौरान जनसामान्य, पुलिस,प्रशासन का पुरा सहयोग मिला. कैडल मार्च के समापन बोड॔ आफिस चौराहा पर कैडल मार्च में आम आदमी, आनंदक,आनंदम सहयोगी, शिक्षक, वैज्ञानिक एवं विद्यार्थियों ने जोश और उमंग के साथ भाग लिया और जनसामान्य को आत्महत्या निषेध के रुप जागरुक किया। कैंडल मार्च में सर्व श्री मुकेश करुवा, प्रदीप मेहतो, मुकेश बिले, शैलेन्द्र सिंह डाबी, सुशील अग्रवाल, मुकेश अहिरवार, प्रभात पांडे, आर.एस.डोंगरे ,शशांक शर्मा, श्रीमती सरोज डोंगरे एवं डॉ. मीन पांडे आदि गणमान्य नागरिकों द्वारा सहभागिता की गई।
मार्च के दौरान कुछ प्रमुख नारे/कोटेशन इस प्रकार रहे- एक जंग,अवसाद के संग एवं मास्टर ट्रेनर श्री मुकेश बिले द्वारा रचित कोटेशनों का भी भरपूर उपयोग किया (1) जीवन व्यर्थ न गंवाएं, और भी हैं राहें (2) न करें, जीवन की शाम,ले लें बस एक अल्पविराम (3) मेरा जीवन किसी ओर की अमानत है (4) अपेक्षा, उपेक्षा,इच्छा में फंसे नहीं, मानसिक संतोष पर ध्यान दें। (5) जीवन एक खेल है, इससे भागे नहीं, इसमें भाग लें (6) आशा रखें, बुरा समय भी गुजर जाएगा (7) मुस्कुराना,मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं हर परिस्थिति में सदैव मुस्कुराता रहूंगा। (8) खुद को समझो,खुद से बात करो, खुद को प्यार करो, खुद की फिक्र करो। (9) आत्महत्या, मानसिक तनाव की पराकाष्टा है, इसका बचाव है अल्पविराम ! इस प्रकार भोपाल जिले में अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या निषेध सप्ताह (10-15 सितम्बर) का सफल आयोजन श्री मुकेश बिले जी के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ जिसमे भोपाल आध्यात्म विभाग की जिला इकाई के समस्त सदस्यों का सहयोग रहा !
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