आनंद के विषय पर कार्यशाला एवं व्याख्यान
मध्यप्रदेश सरकार ने स्थायी आनंद एवं व्यक्तिपरक भलाई के पारिस्थितिक तंत्र बनाने में मदद करने के लिए आनंद विभाग की स्थापना की थी, जिसका विलय अब ‘’आध्यात्म विभाग’’ में हो चुका है। एक स्वीकृत तथ्य है कि भौतिक सुख सुविधाएं मात्र न तो पूर्ण एवं समग्र जीवन सुनिश्चित कर सकती है और न ही पूर्ण आनंद की गारंटी दे सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए विभाग राज्य में खुशी बढ़ाने के लिए आजमाये गए और परीक्षण किए गये उपकरण और तकनीको को उपलब्ध कराने का प्रयास करता है जो लोगो को तनाव रहित, खुशहाल एवं मनमौजी जीवन जीने में मदद कर सके |
इसके लिए हम ऐसे सभी व्यक्तियों, संस्थानों एवं संगठनो को आमंत्रित करते है जो पहले से ही राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का कार्य कर रहे है और हमारे साथ इस नेक काम में हाथ मिलाने तथा कार्य करने को तत्पर है। हम उन्हें आमंत्रित करते है एवं विभिन्न शासकीय विभागो, शैक्षणिक संस्थानों और जन सामान्य के लाभ के लिए राज्य में अपनी कार्यशाला आयोजित करने या व्याख्यान देने के लिए एक मंच प्रदान करते है।
नियम एवं शर्ते
- इच्छुक व्यक्तियों को ऑनलाईन आवेदन करना होगा ।
- ऑनलाईन प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रस्ताव की जॉच राज्य आनंद संस्थान द्वारा की जावेगी ।
- ऐसे आवेदनो को जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित नहीं है, इसलिए प्राप्त प्रस्तावो की समय-समय पर जॉच की जावेगी (न्यूनतम माह में एक बार)। ऐसे आवेदन जो संतोषजनक नहीं पाए जाते है, निरस्त किए जायेगे तथा इसकी सूचना संबंधित को दी जावेगी । इस संबंध में राज्य आनंद संस्थान का निर्णय अंतिम होगा और किसी भी प्रकार की बातचीत के लिए खुला नहीं होगा।
- कार्यशाला आयोजन से संबंधित आवेदनो के प्रारंभिक जॉच में संतोषजनक पाये जाने पर निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जायेगी :-
- आवेदक को एक प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया जायेगा जिसमें विषयवस्तु, अवधि, प्रासंगिकता और निर्धारित कार्यशाला के व्यय की जानकारी हो।
- पूर्व चिन्हित प्रतिभागियों के समूहो के लिए पूर्व निर्धारित स्थानो पर नमूना कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। आवेदक को इस कार्यशाला के लिए ऐसे नियमो और शर्तो के अनुसार भुगतान किया जायेगा, जैसा कि पूर्वोक्त प्रस्तुति के दौरान परस्पर सहमति से निर्धारित किया गया हो।
- यदि कार्यशाला उपयोगी पायी जाती है तो संबंधित को सूचीबद्ध (इमपेनल्ड) किया जायेगा। ऐसे सूचीबद्ध व्यक्तियों को विभिन्न शासकीय विभागो तथा संगठनो के साथ सहयोग कर कार्यशालाओं के आयोजन के लिए अधिकृत किया जायेगा। इसके अतिरिक्त राज्य आनंद संस्थान भी स्वविवेक पर ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन कर सकता है। इन कार्यशालाओं के आयोजन के संबंध में भुगतान तथा अन्य नियम एवं शर्ते चाहे इन कार्यशालाओं का आयोजन राज्य आनंद संस्थान अथवा किसी विभाग अथवा किसी संस्थान द्वारा किया जाए, राज्य आनंद संस्थान द्वारा अनुमोदित रहेगी।
- डिस्कोर्सेस (व्याख्यान) के आयोजन से संबंधित आवेदनो के प्रारंभिक जॉच में संतोषजनक पाए जाने पर निम्नलिखित प्रक्रिया अपनायी जायेगी
- आवेदक को अपने पूर्व में दिए गए व्याख्यानों में से किसी एक की डीवीडी जमा करनी होगी।
- राज्य आनंद संस्थान तय किए गए प्रतिभागियों के लिए ऐसे व्यक्तियों का व्याख्यान आयोजित कर सकता है।
- यदि व्याख्यान संतोषजनक पाया जाता है तो राज्य आनंद संस्थान ऐसे वक्ता को सूचीबद्ध कर लेगा ।
- डिस्कोर्स (व्याख्यान) की डिलेवरी की शर्ते एवं नियम राज्य आनंद संस्थान द्वारा अंतिम किए जायेगे एवं तत्पश्चात ऐसे वक्ताओं को विभिन्न शासकीय विभागो / संस्थाओं द्वारा आनंद के विषय पर व्याख्यान दिए जाने के लिए आमंत्रित किया जा सकेगा।
- राज्य आनंद संस्थान राष्ट्रीय / अंर्तराष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त व्यक्तियों / संस्थाओं को वर्कशॉप आयोजित करने के लिए सीधे भी आमंत्रित कर सकता है और सीधे सूची बद्ध कर सकता है। इन कार्यशालाओं के आयोजन के संबंध में भुगतान तथा अन्य नियम एवं शर्ते, चाहें इन कार्यशालाओं का आयोजन राज्य आनंद संस्थान अथवा किसी विभाग अथवा किसी संस्थान द्वारा किया जाए, राज्य आनंद संस्थान द्वारा अनुमोदित रहेगी । ऐसे सूचीबद्ध व्यक्तियों को विभिन्न शासकीय विभागो और संगठनो के साथ सहयोग कर कार्यशालाओं के आयोजन के लिए अधिकृत किया जायेगा । इसके अतिरिक्त राज्य आनंद संस्थान भी स्वविवेक पर ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन कर सकता है।