धरती पर आनेे वाले नये “’मेहमान’’ को भी आनंद
धरती पर आने वाले नये “’मेहमान’’ को भी आनंदम ( दुआओं का घर) मंड़ला में आनंद मिलता है। इस केन्द्र पर आने वाले जरूरतमंद लोग आवश्यक सामग्री प्राप्त कर आनंदित तो होते ही हैं। कई बार यहॉं पर सेवाभाव से जुडे स्वयंसेवक आगन्तुको की मदद भी करते है जिससे वे अपने लिए उपयुक्त सामग्री का चुनाव कर सके। इनका मानना है कि लोगों की मदद/ मार्गदर्शन करने से औरो के साथ ही स्वयं के आनंद में वृद्धि होता है।
ऐसा ही एक बाकया है जब राखी वंशकार निवासी रमपुरा, जो बांस की सामग्री बनाकर अपनी रोजीरोटी चलाती हैं आनंदम ( दुआओं का घर) मंडंला में पहुंची। इस समय वह गर्भवती महिला है और आई थी स्वयं के लिए कपड़े लेने । जब आनंदम ( दुआओं का घर) मंडंला में झूले की उपलब्धता एवं निकट भविष्य में उसकी उपयोगिता के विषय में समझाने पर राखी के आनंद का ठिकाना नहीं रहा
राखी ने आनंदित भाव से कहा’’ अब गरीबों के बच्चे भी महंगे खिलौने से खेल सकते हैं मंहगे झूला-झूल सकते हैं।,’’’…’’.मेरे घर आने वाले नये मेहमान को भी आनंदित करने की तैयारी पूरी कर दी।