नागरिकों की खुशहाली एवं परिपूर्ण जीवन के लिए आंतरिक तथा बाह्य सकुशलता आवश्यक है। सिर्फ भौतिक प्रगति व सुविधाओं से अनिवार्य रूप से प्रसन्न रहना संभव नहीं है। राज्य का पूर्ण विकास नागरिकों की मानसिक, शारीरिक एवं भावनात्मक उन्नति तथा प्रसन्नता से ही संभव है। अत: नागरिकों को ऐसी विधियां तथा उपकरण उपलब्ध कराने होंगे, जो उनके लिए आनंद का कारक बनें। विकास का मापदण्ड मूल्य आधारित होने के साथ-साथ नागरिकों के आनंद ज्ञात करने वाला भी होना चाहिए। इस अवधारणा को साकार करने के लिए भौतिक प्रगति के पैमाने से आगे बढ़कर आनंद के मापकों को भी समझा जाए तथा उनको बढाने के लिए सुसंगत प्रयास किए जावे। इस उदद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा आनंद संस्थान का गठन अगस्त 2016 में आनंद विभाग के अर्न्तगत किया गया।
विभाग के निम्न कार्य होंगे
इन उद्धेश्यों की पूर्ति के लिए कार्यपालिक इकाई के रूप में मध्यप्रदेश शासन ने राज्य आनंद संस्थान की स्थापना का निर्णय लिया। राज्य आनंद संस्थान एक स्वतंत्र पंजीयकृत सोसाईटी है जो विभाग के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कार्य करेगी।
संस्थान की कार्यपालन समिति
कार्यपालन समिति निम्नानुसार हैं
01 | राज्य शासन द्वारा नामांकित | अध्यक्ष |
02 | मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य आनंद संस्थान | सदस्य सचिव |
03 | प्रमुख सचिव - योजना, खेल एवं युवा कल्याण, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा संस्कृति विभाग | सदस्य |
04 | निदेशकगण, राज्य आनंद संस्थान | सदस्य |
05 | अध्यक्ष द्वारा नामंकित 5 गैरशासकीय सदस्य | सदस्य |